सामुदायिक रेडियों द्वारा सशक्तिकरण विषय पर कल होगा एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन

मांउट आबू /सिरोही:  आज हर जगह सशक्तिकरण पर चर्चा हो रही है, चाहें वह सशक्तिकरण सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक या फिर महिला सशक्तिकरण ही क्यों ना हो। लेकिन  हम सभी जानतें है कि सामाजिक विकास के अनुपस्थिति में किसी भी प्रकार का सशक्तिकरण करना संभव नहीं है। लेकिन देश में सामुदायिक रेडियों सामाजिक बदलाव के साथ साथ विकास को समर्पित एक ऐसा माध्यम है जों कि समुदाय के लोगों को ना सिर्फ शिक्षा के मायनें सिखा रहा है, बल्कि उनमें आत्मनिर्भरता का हौसला भी बढा रहा है।

इसी उदेष्य की पूर्ति हेतु ”सामुदायिक रेडियों द्वारा सशक्तिकरण” विषय पर एक दिवसीय सेमिनार ब्रहमाकुमारीज मांउट आबू से संचालित सामुदायिक रेडियो  स्टेशन रेडियो मधुबन के परिसर में टेलीकाॅम रेगुलेटरी अथाॅरिटी ऑफ़ इंडिया एंव फेडरेशन ऑफ़ कम्युनिटी रेडियो स्टेशन्स भारत के संयुक्त तत्वावधान में  20 अगस्त को तलेटी स्थित ब्रहमाकुमारीज के शांतिवन परिसर में आयोजित किया जा रहा है।
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फेडरेशन ऑफ़ कम्युनिटी रेडियो स्टेशन्स के अध्यक्ष एंव रेडियो मधुबन के स्टेशन हैड यशवंत पाटिल एंव फेडरेशन के सेकेट्ररी जनरल डाॅ डी.पी. सिंह नें बताया कि इस एक दिवसीय कार्यक्रम मे टेलीकाॅम रेगुलेटरी अथाॅरिटी ऑफ़ इंडिया की एडवाइजर भावना शर्मा, आईआईएमसी दिल्ली के भूतपूर्व डायरेक्टर   जनरल एंव वरिष्ठ पत्रकार के.जी. सुरेश, माखललाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविधालय के भूतपूर्व कुलपति एंव वर्तमान में हरियाणा स्टेट हायर एजुकेशन कांउसिल के चेयरपर्सन बी. के. कुथियाला, सूचना प्रसारण मंत्रालय के डिप्टी डायरेक्टर पी.डी. शर्मा, जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के मीडिया विभाग के डायरेक्टर के.के. रत्तु, ऑल  इडिंया  रेडियो  एंव  दूरदर्शन  के  भूतपर्व  एडिशनल  डायरेक्टर जनरल हरिओम श्रीवास्तव, जी.बी. पंत यूनिवर्सिटी  के असिस्टेंट  प्रोफेसर डाॅ अर्पिता शर्मा एंव सेंट्रल यूनिवर्सिटी राजस्थान के मीडिया विभाग के एमरिट्स प्रोफेसर सुभाष धुलिया शिरकत करेंगें।

यशवंत पाटिल ने कहा कि इस  एक दिवसीय कार्यक्रम में पूरे भारत से अलग अलग जगहों पर संचालित होने वाले सामुदायिक रेडियों  स्टेशन  के प्रतिनिधि हिस्सा बनेगें और साथ ही विभिन्न विश्वविधालयों के पत्रकारिता एंव जनसंपर्क के प्रोफेसर एंव शोधार्थी रिसर्च पेपर प्रजेंट करेंगे।
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