मुंबई
: भारत की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा अपनी आजीविका के लिए पशुधन पर निर्भर
है। भारत के एक प्रमुख एनबीएफसी-फुलर्टन इंडिया के पशु विकास डे 2019 ने
जमीनी स्तर पर पशुओं को लेकर जागरूकता पैदा करने और ग्रामीण समुदाय को
चिकित्सा सहायता प्रदान करने हेतु कार्यक्रम चलाया। पशु विकास डे के इस
संस्करण में 14 राज्यों के 500 गांवों से जुड़ी 350 से अधिक जगहों पर एक साथ
पशु शिविर आयोजित किये गये। इन शिविरों में 68,000 पशुओं का उपचार किया
गया, जिससे 21,000 से अधिक पशुपालक लाभान्वित हुए। पशु विकास डे के आरंभ के
बाद चार वर्षों में, लगभग 2,00,000 पशुओं और 50,000 से अधिक पशुपालकों इस
प्रोजेक्ट का लाभ मिल चुका है।
संगठन की अनूठी पहल को रेखांकित करते हुए, फुलर्टन इंडिया की मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक, सुश्री राजश्री नाम्बियार ने कहा, ‘‘हम अपने बिजनेस के जरिए सेवावंचितों की आर्थिक आवश्यकताएं पूरी करते हैं और उनकी समस्याओं से निपटने में सहायता प्रदान करते हैं। पशु विकास डे पर प्रतिक्रिया जताते हुए, फुलर्टन इंडिया की महाप्रबंधक, हेड - मार्केटिंग और क्रॉस सेल, सुश्री शिल्पा देसाई ने बताया, ‘‘हमने वर्ष 2014 में यह कार्यक्रम शुरू किया और इसके साथ लोग खुशी-खुशी जुड़ते रहे और लगातार जुड़ रहे हैं। पशु विकास डे पशुओं की देखभाल हेतु एक दिन के लिए आयोजित होने वाला शिविर है, जिसे पूरे भारत के विभिन्न जगहों पर आयोजित किया जाता है, जिसमें हमारे कर्मचारी ग्रामीण समुदाय के साथ जुड़कर इसे सफल बनाने का प्रयास करते हैं। हमारे सभी प्रयास और स्थानीय लोगों से मिल रही प्रतिक्रिया ने इसे एक अनूठी पहल का रूप दिया, जिसने हमें समुदाय से और अधिक निकटता से जुड़ने व उनकी सहायता देने का मौका दिया है।’’
संगठन की अनूठी पहल को रेखांकित करते हुए, फुलर्टन इंडिया की मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक, सुश्री राजश्री नाम्बियार ने कहा, ‘‘हम अपने बिजनेस के जरिए सेवावंचितों की आर्थिक आवश्यकताएं पूरी करते हैं और उनकी समस्याओं से निपटने में सहायता प्रदान करते हैं। पशु विकास डे पर प्रतिक्रिया जताते हुए, फुलर्टन इंडिया की महाप्रबंधक, हेड - मार्केटिंग और क्रॉस सेल, सुश्री शिल्पा देसाई ने बताया, ‘‘हमने वर्ष 2014 में यह कार्यक्रम शुरू किया और इसके साथ लोग खुशी-खुशी जुड़ते रहे और लगातार जुड़ रहे हैं। पशु विकास डे पशुओं की देखभाल हेतु एक दिन के लिए आयोजित होने वाला शिविर है, जिसे पूरे भारत के विभिन्न जगहों पर आयोजित किया जाता है, जिसमें हमारे कर्मचारी ग्रामीण समुदाय के साथ जुड़कर इसे सफल बनाने का प्रयास करते हैं। हमारे सभी प्रयास और स्थानीय लोगों से मिल रही प्रतिक्रिया ने इसे एक अनूठी पहल का रूप दिया, जिसने हमें समुदाय से और अधिक निकटता से जुड़ने व उनकी सहायता देने का मौका दिया है।’’