कैलाश सिंह राजपुरोहित
ज्ञापन में पहाड़ेश्वर मंदिर में मंदिर तोड़ने, शिवलिंग उखाड़ने,वालो पर कड़ी कार्यवाही करने का अनुरोध
मोकलसर
:- प्रशासन गांवों के संग शिविर में इंटेक जालोर चैप्टर के सह संयोजक
विक्रम सिंह बालावत ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर बताया के सिवाना
उपखंड क्षेत्र के सबसे प्राचीन पहाडेश्वर मंदिर में पुजारी द्वारा मंदिर की
तोड़फोड़ करने वह शिवलिंग हटाने और शिवलिंग को उखाड़कर फेकने और मंदिर को
अस्तवस्त कर वेदिक स्नातक धर्म हिंदुत्व की आस्था को ठेस पहुंचाने का कार्य
किया है।
वही विक्रम सिंह ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि दतनारायणगिरी
को अस्थाई पूजारी के रूप में रखा गया था पूजारी केवल पूजा करने तक सीमित
था दूसरे अधिकारी पूजारी के पास नही थे फिर भी इसने अपनी तानाशाही, मनमानी
कर दोनो ठिकानों,व 12गाव वालों को बिना बताये षडयंत्र पूर्वक सुनिश्चित
गुपचुप योजना बनाकर हमारे सनातन धर्म व संस्कृति के साथ खिलवाड़ कर अति
पोराणिक पहाडेशवर महादेव मंदिर व जोगमाया की साल को बर्बरता पूर्वक ध्वस्त
कर लिंगाकर उखाडकर, जोगमाया की व पार्वती जी की मूर्तियां हटा कर
दतनारायणगिरी ने बहुत बड़ा जघन्य अपराध व महापाप किया इस पाखणडी को कड़ी से
कड़ी सजा मिले व शीघ्र प्रभाव से मन्दिर प्रांगण से निष्कासित किया जाय
उक्त मन्दिर ध्वस्त स्थली को मैदान बना दिया व विवादित स्थली बन चुकी है।
बाबा दतनारायणगिरी के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की बात बताई । वही
पुजारी को 1996 के लगभग मोकलसर के पूर्व ठाकुर उदय सिंह ने रखा था। वही
मंदिर जागिरी काल में राठौड़ वंश मोकलसर के अधीन था देश आजादी के बाद 12
गांवो के वह ठिकाने कि व देखरेख में। सिर्फ पुजारी के तौर पर रखा था।
और
पुजारी ने असामाजिक तत्वों के साथ मिलाकर षड्यंत्र पूर्व गुपचुप तरीके से
रातों रात 12 गांवो को बिना बताए वह दोनो ठिकाने को पूछे बिना मंदिर
ध्वस्त कर लिंगकार मूर्तियों को हटाकर स्नातक धर्म व हिंदू सभ्यता को ठेस
पहुंचाने का कार्य किया है। मंदिर अति प्राचीन है। कही पुराने वह प्राचीन
शिलालेख व पत्थर से निर्मित था। मंदिर के अंदर लोहे के पतरो का प्राचीन
झुपानुमा बना हुआ था। आजादी के बाद से ही यह मंदिर 12 गांवो का पवित्र
प्रगाण सारक्षित व सुरक्षित संपति रहा है।
ज्ञापन में विक्रम सिंह ने बताया
के पुजारी को सिर्फ पूजा करने के लिए रखा था। वीटो पॉवर या पावर ऑफ एंटोनी
किसी को नही दी। वही मंदिर में आसपास के भक्तगण दर्शन करने और श्रावण मास
शिवरात्रि सोमवार को भाविक व भक्तो का आना जाना अधिक रहता था। लेकिन अब
धीरे धीरे लोगो का मोह मंदिर से भंग हो रहा है। वही उपखंड अधिकारी ने
जांच कर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
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