डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में “डेयरी में कृषि महिलाओं का तकनीकी सशक्तिकरण” पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

 


उदयपुर, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय संघटक डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा प्रायोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर 26 अक्टूबर 2021 से प्रारंभ हुआ। प्रशिक्षण  का विषय “डेयरी में कृषि महिलाओं का तकनीकी सशक्तिकरण" है। प्रशिक्षण में पचास महिला ट्रेनी ने भाग लिया। 
 
कार्यक्रम संयोजक प्रो नरेंद्र कुमार जैन, अधिष्ठता, डेरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के मार्गदर्शन में प्रातः 10 बजे पचास महिला ट्रेनी का पंजीकरण हुआ तत्पश्चात उद्घाटन समारोह का आगाज हुआ।
 
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महोदया श्री रेखा शर्मा जी, आई. आए. एस. एवं चेयरपर्सन, राष्ट्रीय महिला आयोग; कार्यक्रम अध्य्क्ष महोदय प्रो नरेंद्र सिंह राठौड़, माननीय कुलपति, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, विशेष अतिथि प्रो आर. के. कौशिक, डायरेक्टर, डी. ई. ई., महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय; विशिष्ट अतिथि प्रो आई. जे. माथुर, इंचार्ज स्मार्ट विलेज, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कार्यक्रम संयोजक प्रो नरेंद्र कुमार जैन, अधिष्ठाता, डेरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय तथा डॉक्टर निकिता वधावन, प्रशिक्षण समन्वयक ने मंच की शोभा बढ़ाई। 
 
सिस्को वेबएक्स के माध्यम से श्रीमती मीता राजीवलोचन, आई. आए. एस. एवं मेंबर सेक्रेट्री, राष्ट्रीय महिला आयोग, श्रीमान ऐ. अशोली चलाई, जॉइंट सेक्रेटरी, राष्ट्रीय महिला आयोग एवं श्री शैलेश कुमार जैन, सहायक जनरल मैनेजर - कस्टम हायरिंग, टी. ऐ. एफ. ई. कंपनी, जयपुर ऑनलाइन कार्यक्रम से जुड़े। प्रो नरेंद्र कुमार जैन ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम संचालक डॉ निकिता वधावन ने पांच दिवसीय कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत कार्यक्रम की शुरुआत की। 
 
प्रो नरेंद्र सिंह राठौड़ ने महिलाओं को दूध का महत्व बताते हुए वर्तमान परिदृश्य में भारत एवं राजस्थान में दूध उत्पदान एवं प्रसंस्करण के बारे में जानकारी दी। उन्होंने भारत सरकार एवं राजस्थान सरकार की प्रमुख डेयरी कल्याण योजनाओं पर प्रकाश डाला। साथ ही बकरी दूध उत्पादन का महत्व भी बताया। 
 
उन्होंने बताया कि दूध की सही तरीके से संग्रहण, भंडारण एवं प्रसंस्करण के कारण किसान और देश दोनों को नुकसान है। साथ ही, ट्रेनिंग मैन्युअल "दुग्ध का वैज्ञानिक संग्रहण, भंडारण, प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन एवं विपणन" का विमोचन भी किया। जिसमें विभिन्न दुग्ध प्रसंस्करण एवं विभिन्न दुग्ध उत्पादों की विधियों का वरण है। 
 
श्रीमति मीता राजीवलोचन ने दूध की मार्केटिंग के मूल मंत्र देते हुए दुग्ध उत्पादको की मार्केटिंग का महत्व बताया। श्रीमान ऐ. अशोली चलाई ने बताया कि महिलाओं का आरंभ से ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने दूध एवं दूध उत्पादों के पैकेजिंग पर प्रकाश डाला। साथ ही एफ. एस. एस. ए. आई. के महत्व को भी समजाया।
 
विशेष अतिथि प्रो आर. के. कौशिक ने विभिन्न गायो तथा भैसों की प्रजातियों पर प्रकाश डालते हुए भारतिय नस्लो का महत्व बताया। श्री शैलेश कुमार शर्मा ने महिला ट्रेनी को निरंतर आगे बढ़ने और बिज़नेस विमेन बनने की प्रेरणा दी।
 
प्रो आई. जे. माथुर ने स्वच्छ दूध उत्पदान का महत्व बताया। उन्होंने बताया कि किसान को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दूध का उत्पादन स्वच्छ परिस्थितियों में ही ताकि वह मानव उपयोग के लिए उपयुक्त हो।
सभी अतिथियों एवं दर्शकों ने कार्यक्रम की सराहना की। कार्यक्रम के सफल संचालन में नीलेश शर्मा,  सीमा तंवर,  मानविक जोशी एवं अनुषा उपाध्याय का विशेष योगदान रहा।
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