तकनीक के वर्तमान युग में जरुरी है पुस्तकालयों का डिजिटलीकरण

 


 
राजस्थान मेडिकल लाइब्रेरी एसोसिएशन की ओर से राष्ट्रीय पुस्तकालय दिवस के अवसर पर आज  डॉ रॉबर्ट हीलिंग लाइब्रेरी एसएमएस मेडिकल कॉलेज में पुस्तकालयों के डिजिटलीकरण पर सेमिनार का आयोजन किया गया । इस अवसर पर की नोट स्पीकर प्रोफ़ेसर दिनेश कुमार गुप्ता ने कहा कि प्रोफ़ेसर रंगनाथन द्वारा प्रतिपादित पुस्तकालय विज्ञान के पाँच सिद्धांत आज भी उतने ही प्रासंगिक है। पुस्तकालयों में तकनीक का प्रयोग कर उन्हें डिजिटल मॉड पर लाने से जहां हर पुस्तक को उसका पाठक मिलेगा वहीं प्रत्येक पाठक को उसके समय की बचत करते हुए वांछित पुस्तक भी मिल सकेगी। पुस्तकालयों के डिजिटलीकरण से पुस्तकालयों में स्थानाभाव की समस्या भी नहीं रहेगी और शेष जगह का उपयोग पाठकों के बैठने की क्षमता बढ़ाकर किया जा सकेगा। उन्होंने रामायण एवं तुलसीदास के जीवन प्रसंगों से जोड़कर अपने विचार रखे। 
 
उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ मोनिका जैन सहित प्रोफेसर दिनेश कुमार गुप्ता, प्रोफेसर किरोड़ी सिंह,  डॉ पी आर मीणा एवं डॉक्टर मिली वाजपेई थे। डॉ पी आर मीणा ने अपने वेलकम उद्बोधन में लाइब्रेरी के महत्व पर प्रकाश डाला तथा रंगनाथन जयंती पर अपने विचार व्यक्त किया। गेस्ट ऑफ़ ऑनर डॉ मोनिका जैन ने एसएमएस मेडिकल लाइब्रेरी को जयपुर की बेस्ट लाइब्रेरी बताते हुए यहाँ उपलब्ध सुविधाओं की चर्चा की। 
 
सेमिनार में दो टेक्निकल सेशन रखे गए जिनमें  पार्लियामेंट न्यू दिल्ली के पूर्व लाइब्रेरियन डॉ रवींद्र चड्ढा,  डॉ राजीव वशिष्ठ डाक्टर नंदनी खट्टर, डॉ विनय सिंह कश्यप व विनीता चौहान ने अपने रिसर्च पेपर प्रजेंट किया। डॉक्टर अनीता गंगराड़े , डॉक्टर रिचा त्रिपाठी एवं डॉ प्रभा शर्मा ने भी डिजिटाइजेशन पर अपने विचार व्यक्त किये। 
 
पुस्तकालयाध्यक्षों का हुआ सम्मान :- 

इस अवसर पर विभिन्न पुस्तकालय अध्यक्षों को उनके कार्य उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफ़ेसर एस पी सूद को लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। बेस्ट लाइब्रेरियन सम्मान से एसएमएस मेडिकल लाइब्रेरी की पूर्व लाइब्रेरियन डॉक्टर मृदुला शर्मा, डॉ अनीता गंगराड़े, नवल पांडेय, नेहा शर्मा, अर्चना पाठक, सुनील टेलर व प्रदीप शर्मा को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सोशल साइंस यूनिवर्सिटी ऑफ़ राजस्थान जयपुर के दिन प्रोफेसर ओम महला ने पुस्तकालय के विकास पर अपने विचार व्यक्त किया।
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