दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन 31 अगस्त और 1 सितम्बर, 2024 को किया जाएगा
भारतीय कला, संस्कृति और साहित्य को बढ़ावा देने के लिए समर्पित उत्सव
भारत भर के प्रसिद्ध कलाकार साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत में मुख्य मंच पर होंगे
जयपुर: भारतीय कला, संस्कृति और साहित्य का जश्न मनाने वाले सबसे प्रमुख सांस्कृतिक कार्यक्रमों में से एक, साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत, का आयोजन पहली बार जयपुर में होने जा रहा है। यह कार्यक्रम 31 अगस्त और 1 सितम्बर, 2024 (शनिवार और रविवार) को जवाहर कला केंद्र में आयोजित किया जाएगा, जो जवाहर लाल नेहरू मार्ग, कॉमर्स कॉलेज के सामने, झालाना डूंगरी, जयपुर में स्थित है। इस सांस्कृतिक समारोह का आयोजन संस्कृति मंत्रालय (भारत सरकार), पर्यटन मंत्रालय (भारत सरकार) और जवाहर कला केंद्र के सहयोग से किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक सांस्कृतिक कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से ताल्लुक रखने वाले प्रतिष्ठित भारतीय कलाकार प्रदर्शन करेंगे।
यह दो दिवसीय कार्यक्रम उत्कृष्ट प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने के लिए तैयार है, जिसमें प्रवेश सभी के लिए निःशुल्क रहेगा।
पहला दिन- 31 अगस्त, 2024 (दोपहर 2:00 बजे से):
कार्यक्रम की शुरुआत एक उद्घाटन समारोह के साथ होगी, जिसमें विद्या शाह, पद्मभूषण पं. साजन मिश्रा, पद्मश्री हुसैन ब्रदर्स, डॉ. यश गुलाटी और साबरी ब्रदर्स जैसी नामचीन हस्तियाँ शामिल होंगी। उद्घाटन समारोह के बाद, शाम को दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने के वादे के साथ साबरी ब्रदर्स कव्वाली की अपनी मनोरम प्रस्तुति से समाँ बाँधेंगे।
दूसरा दिन- 1 सितम्बर, 2024 (दोपहर 2:00 बजे से):
कार्यक्रम का दूसरा दिन विभिन्न प्रस्तुतियों तथा गतिविधियों की एक श्रृंखला पर आधारित होगा। इस दिन के कार्यक्रम की शुरुआत यूसुफ खान करेंगे, जो एक अनूठे तत लोक वाद्य यंत्र- भपंग पर अपनी दिलकश प्रस्तुति से तमाम दर्शकों का मन मोह लेंगे। इसके बाद, भारतीय कला, संस्कृति और साहित्य पर आधारित एक विशिष्ट नाटक का आयोजन किया जाएगा। नाटक के आयोजन के उपरांत, अंजुम शर्मा, मनु ऋषि चड्ढा और फैज़ल मलिक द्वारा एक विशेष पैनल चर्चा की जाएगी, जो क्षेत्र की समृद्ध काव्य परंपरा पर प्रकाश डालेगी। इसके बाद, शाम में जान डालते हुए, कवि सम्मेलन मुशायरा का शानदार आयोजन किया जाएगा, जिसकी कमान प्रोफेसर वसीम बरेलवी, पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा और पद्मश्री अशोक चक्रधर एवं अन्य हस्तियों के हाथों में होगी। कार्क्रम में जीवन के रंग बिखेरते हुए, मशहूर हस्ती विधा लाल कथक पर अपनी प्रस्तुति से महफिल में चार चाँद लगा देंगे।
कार्यक्रम पर टिप्पणी करते हुए, कवि तथा साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब के संस्थापक, कुँवर रंजीत चौहान ने कहा, "साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत एक हैदराबाद से जयपुर राज्य तक सफर कर रहा है, जिससे अधिक से अधिक लोग भारतीय कला, संस्कृति और साहित्य की समृद्ध धारा से जुड़ रहे हैं। कई राज्यों में शानदार सफलता के बाद, हमें इस कार्यक्रम को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर जयपुर में लाने की खुशी है। निपुण, प्रसिद्ध और सम्मानित कलाकारों की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाने का काम करती है। हम आप सभी को आमंत्रित करते हैं कि आकर इन कलाकारों की अद्भुत प्रतिभा को देखें। हमारा उद्देश्य भारतीय युवाओं को हमारी भारतीय कला, संस्कृति और साहित्य की जीवंतता से जोड़ना और उन्हें सार्थक कला तक पहुँच प्रदान करना है। हम संस्कृति मंत्रालय के अमूल्य समर्थन के लिए अत्यंत आभारी हैं। साथ ही, इस कार्यक्रम को संभव बनाने में पर्यटन मंत्रालय- अतुल्य भारत (भारत सरकार) और जवाहर कला केंद्र के सहयोग के लिए भी धन्यवाद करते हैं।"
साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवाँ विरासत 2024 का आयोजन दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, बिहार, गुजरात और जम्मू और कश्मीर सहित कई राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में किया गया है। और भी अधिक क्षेत्रों में इस कार्यक्रम का विस्तार करना जारी रहेगा। यह आयोजन हमारे देश की विरासत के सार का प्रतीक है, जो भारतीय कला, संस्कृति और साहित्य के रूप में संरक्षित है।
साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब भारतीय कला, संस्कृति तथा साहित्य को बढ़ावा देने के लिए समर्पित प्रमुख प्लेटफॉर्म्स में से एक है, जो इन परंपराओं के प्रामाणिक रूपों एवं सच्ची भावना के संरक्षण तथा पोषण के लिए अथक प्रयास कर रहा है।