दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित देश तिमोर लेस्ते में मेडिकल शिक्षा लेना अब काफी आसान हो गया है ।
नयी दिल्ली : भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तिमोर लेस्ते देश की यात्रा भारतीय स्टूडेंट्स के लिए काफी फायदेमंद रही है । भारत के राष्ट्रपति और उनके साथ गए प्रतिनिधि मंडल का तिमोर लेस्ते देश में भव्य स्वागत हुआ , वहीं दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए महत्त्वपूर्ण समझौते भी हुए।
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और तिमोर लेस्ते देश के राष्ट्रपति जोस रामोस-होर्ता की मौजूदगी में दोनों देशों कि बीच हुए कई तरह के द्विपक्षीय समझौते में मेडिकल शिक्षा भी महत्त्वपूर्ण विषय रहा ।
आपको बता दें कि दोनों देशों के संबंधों को मेडिकल शिक्षा के माध्यम से मजबूत करने का उल्लेखनीय प्रयास करने वाले दिलीप सिंह यादव और डॉ राजा थंगप्पन भी समझौते के अवसर पर मौजूद रहे , जिनको भारत की राष्ट्रपति के साथ मंच पर मिलने का अवसर भी मिला । इस अवसर पर विषु त्रिपाठी, सौरभ जैन , डॉ भाटी , अनुभव गर्ग , युक्ति बेलवाल और अमित वत्स भी उपस्थित रहे ।
समझौते में एम्स दिल्ली के अनुसार पाठ्यक्रम लागू करने की सहमति बनी । भारत की एनएमसी के नियम अनुसार वहां पर साढ़े चार साल के साथ एक साल की इंटर्नशिप भी लागू करना तय हुआ । समझौते के अनुसार प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस के लिए कोई भी एग्जाम दिए बिना भारतीय छात्रों को सीधा रजिस्ट्रेशन मिलेगा । भारतीय छात्रों को दिसंबर 2024 से फ्री वीजा देने का भी निर्णय हुआ है । इस अवसर पर भारतीय छात्रों के लिए विशेष छात्रावास निर्माण और भोजन व्यवस्था पर भी चर्चा हुई । भारत के यूपीआई की सुविधा भी वहां जल्दी ही शुरू करने के लिए कार्य करने पर भी सहमति बनी ।