पर्यटन मंत्रियों के राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन का हुआ आयोजन

नई दिल्‍ली: पर्यटन मंत्रियों के एक दिवसीय राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन का नई दिल्‍ली में आयोजन किया गया। केन्‍द्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित इस सम्‍मेलन का उद्घाटन केन्‍द्रीय पर्यटन एवं संस्‍कृति राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने किया। इस सम्‍मेलन में 19 राज्‍यों के पर्यटन म‍ंत्रियों, पर्यटन सचिवों और राज्‍यों तथा केन्‍द्र शासित प्रदेशों के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने भाग लिया, जिन्‍होंने पर्यटन क्षेत्र के विकास एवं संवर्धन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।

इस अवसर पर पर्यटन मंत्री ने देश में पर्यटकों की संख्‍या बढ़ाने के लिए केन्‍द्र और राज्‍यों के बीच बेहतर सामंजस्‍य सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। इस अवधारणा के महत्‍व पर प्रकाश डालते हुए श्री पटेल ने कहा कि विदेशी पर्यटकों के जेहन में भारत की जो छवि बनी हुई है उसे बदलने की जरूरत है। इससे पर्यटन को बढ़ावा देने के अच्‍छे नतीजे सामने आएंगे। उन्‍होंने राज्‍यों से अपने यहां सर्वेक्षण कर यह पता लगाने को कहा कि भारत को लेकर विदेशी पर्यटकों की राय आखिरकार क्‍या है। उन्‍होंने राज्‍यों से कहा कि उन्‍हें भारत से जुड़ी किसी भी नकारात्‍मक धारणा को समाप्‍त करने के लिए मिल-जुलकर काम करना चाहिए। पटेल ने कहा कि अगले पांच वर्षों के दौरान विदेशी एवं घरेलू पर्यटकों की संख्‍या दोगुनी करने संबंधी प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए हम सभी को संगठित होकर ठोस प्रयास करने चाहिए।
tourism

पर्यटन मंत्री ने सम्‍मेलन के दौरान ‘अतुल्‍य भारत’ के नए पोर्टल का हिंदी वर्जन लॉन्‍च किया। उन्‍होंने घोषणा की कि अतुल्‍य भारत की नई वेबसाइट के अरबी, चीनी और स्‍पैनिश वर्जन अगले माह लॉन्‍च किए जाएंगे। अतुल्य भारत की नई वेबसाइट को पिछले वर्ष 14 जून को लॉन्‍च किया गया था। अपनी लॉन्चिंग के बाद यह वेबसाइट 31 जुलाई, 2019 तक कुल मिलाकर 85,84,928 विजिटरों को आकर्षित कर चुकी है जिनमें 65,31,722 विशिष्‍ट विजिटर शामिल हैं।

पटेल ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए सभी राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों से एएसआई की मदद से अपने धरोहर स्‍थलों के लिए प्रस्‍ताव बनाते वक्‍त यूनेस्‍को के मानकों का पालन करने का अनुरोध किया। मंत्री ने कहा कि हमारे प्राकृतिक स्‍थलों में असीम संभावनाएं हैं तथा हमें इस क्षेत्र में और ज्‍यादा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए एडवेंचर टूरिज्‍म पर फोकस करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि हाल ही में रात्रि‍कालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से संस्‍कृति मंत्रालय ने देश भर में 10 ऐतिहासिक स्‍मारकों को आम आगंतुकों (विजिटर) के लिए रात्रि 9 बजे तक खुला रखने का निर्णय लिया है। उन्‍होंने सभी राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों से भी अपने यहां के महत्‍वपूर्ण स्‍मारकों को आगंतुकों के लिए देर रात तक खुला रखने का अनुरोध किया है।

पर्यटन मंत्री ने सम्‍मेलन के दौरान अतुल्य भारत पर्यटक सुविधाप्रदाता प्रमाणपत्र (आईआईटीएफसी) पोर्टल लॉन्‍च किया। अतुल्य भारत पर्यटक सुविधाप्रदाता प्रमाणपत्र (आईआईटीएफसी) कार्यकम देश के नागरिकों के लिए भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की एक डिजिटल पहल है, ताकि वे तेजी से विकसित हो रहे पर्यटन उद्योग का एक हिस्‍सा बन सकें। यह एक ऑनलाइन कार्यक्रम है जिसके तहत कोई भी व्‍यक्ति पर्यटन के बारे में अपने सुविधाजनक समय, स्‍थल एवं तरीके के अनुसार जान सकता है।

पर्यटन मंत्री ने आज सम्‍मेलन में संभावित ‘स्‍मारक मित्रों’ को तीन नये समझौता ज्ञापन और पांच नये सहमति पत्र सौंपे।

इस सम्‍मेलन ने पर्यटन मंत्रालय को राज्‍यों/केंद्र शासित प्रदेशों को नई और भावी पहलों के बारे में जानकारी देने का मंच प्रदान किया। इसके जरिए राज्‍यों/केंद्र शासित प्रदेशों से फीडबैंक प्राप्‍त करने, राज्‍यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सक्रिय योगदान की आवश्‍यकता वाले क्षेत्रों की पहचान करने तथा पर्यटन के विकास के लिए राज्‍यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी प्राप्‍त करने का अवसर भी मिला।

राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ निम्‍नलिखित विषयों पर फीडबैक के लिए चर्चा की गई:

 -   वेब आधारित एप्लिकेशन तथा ट्वीटर और टूरिस्‍ट-हेल्‍पलाइन के जरिए शिकायत समाधान प्रणाली के माध्‍यम से पर्यटन संबंधी सेवाओं की सूचनाओं के लिए एकल केंद्र का विकास।
-    राज्‍यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा रोमांचक पर्यटन और बेड एवं ब्रेकफास्‍ट/होमस्‍टे योजना दिशा-निर्देशों को अपनाना।
    स्‍वदेश दर्शन और प्रसाद योजनाओं के तहत स्‍वीकृत परियोजनाओं की स्थिति तथा सार्वजनिक वित्‍त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) का क्रियान्‍वयन।

चर्चा के बाद केरल और सि‍क्किम ने अपने यहां के पर्यटन क्षेत्र में होने वाले उत्‍कृष्‍ट व्‍यवहारों के विषय में प्रस्‍तुतियां दीं। 

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने

संपर्क फ़ॉर्म