नागौर। भारतीय सनातन धर्म संस्कृति परंपराओं को विश्व में जन जन तक पहुंचाने वाले विश्व गुरु महामंडलेश्वर श्री महेश्वरानंद पुरी जी महाराज का बद्रीविशाल मंदिर में भव्य स्वागत सम्मान समारोह हुआ संत नानकदास महाराज ने बताया कि तीन हजार एक सो पचास मीटर धरती से ऊपर हिमालय पहाड़ पर विश्व के प्रमुख धर्मों में से एक विशाल बद्रीनाथ धाम जहां पर भगवान कुबेर निवास करते हैं । अलखपूरी नगरी वही है। वही से अलख नदी चलती है अलखपूरी गुफा का सबसे पहले पता लगाने वाले महापुरुष विश्व गुरु महामंडलेश्वर स्वामी महेश्वरानंद पुरी जी महाराज जिनका आज बद्री विशाल धाम के हजारों लाखों लोगों ने फूल बिछा कर मंदिर तक गाजे बाजे के साथ स्वागत किया गया।
सबसे बड़ी ऐतिहासिक बात यह रही कि अलखपूरी गुफा ,अलखपुरी नदी अलखापुरी में तपस्या करने वाले भगवान देव पुरी जी महाराज व जिनके शिष्य भगवान देवनारायण महाप्रभु अवतरित हुए । उनके शिष्य माधवानंद महाराज वैराग्य जीवन में साधना स्मरण किया उनके शिष्य विश्व गुरु महामंडलेश्वर स्वामी महेश्वरानंद पुरी जी महाराज जिन्होंने बड़ी खाटू कचरास देवडूंगरी पर अलखपूरी सिद्ध पीठ की स्थापना की जो पूरे विश्व में बड़ी खाटू प्रणाम के नाम से विश्वविख्यात सनातन धर्म संस्कृति की जय जयकार हो रही है।
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at the Badrivishal Temple
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