पोदार एजुकेशन की राष्ट्रीय अंतर-विद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता में 50 शीर्ष विद्यालयों के 150 छात्रों ने लिया भाग


21 अक्टूबर से 24 अक्टूबर, 2021 तक पोदार एजुकेशन ने राष्ट्रीय अंतर-विद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता की मेजबानी की। देश के कोने-कोने से 50 शीर्ष स्कूलों से लगभग 150 छात्रों ने प्रतियोगिता में भाग लिया। जम्मू से केरल और गुजरात से लेकर असम तक के वरिष्ठ स्कूली छात्रों ने विभिन्न विषयों पर जमकर वाद-विवाद  में हिस्सा लिया। 

छात्रों की उद्देश्यिक, अनुसंधान और विश्लेषण कौशल को बढ़ाने के लक्ष्य के साथ प्रासंगिक विषयों का चयन किया गया। वाद-विवाद प्रतियोगिता में मानव बुद्धि की जगह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सोशल मीडिया का किशोर जीवन पर प्रभाव, स्कूल में होमवर्क पर प्रतिबंध पर सवाल, क्रिप्टोक्यूरेंसी का भविष्य, जैसे अहम विषयों का चुनाव किया गया।


ऑनलाइन वाद-विवाद प्रतियोगिता में सीबीएसई सचिव अनुराग त्रिपाठी, फातिमा अगरकर- अगरकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के संस्थापक, डॉ हरीश शेट्टी - क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, रत्नेश कुमार झा- सीईओ कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस जैसे दिग्गजों ने जज किया। 


पोदार एजुकेशन के चेयरमैन श्री राघव पोद्दार ने कहा, "राष्ट्रीय अंतर-विद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। हमें गर्व है कि हमने ऐसे इवेंट का आयोजन किया जिसमें देश भर के छात्रों ने पूरी मेहनत के साथ जमकर वाद-विवाद किया और अपने पक्षों को बखूबी सभी के सामने रखा। हम छात्रों के लिए श्रेष्ठ सीखने का माहौल, प्रभावी संचार कौशल और पार्श्व सोच पर जोर दिया जाता है। 

औद्योगिक क्रांति 4.0 के इस युग में, हमारे बच्चों को कुछ सबसे महत्वपूर्ण कौशल की आवश्यकता होगी, आज की आवश्यकता गंभीर रूप से सोचने, शोध करने, विश्लेषण करने, मूल्यांकन करने और प्रेरक रूप से संवाद करने की है।

 21वीं सदी में विश्व अर्थव्यवस्था आपको उस चीज़ के लिए पुरस्कृत नहीं करेगी जो आप जानते हैं; वो आपको पुरस्कृत करेगी इस बात से कि आप जो जानते है उससे क्या कर सकते हैं।
पोदार वर्ल्ड स्कूल शेरखी वडोदरा से अविनव तिवारी, परिता पटेल और मीशा जेठवा ने प्रतियोगिता में जीत हासिल की। 


पोदार वर्ल्ड स्कूल शेरखी वडोदरा स्कूल के विजेताओं ने कहा, “इस वाद-विवाद प्रतियोगिता ने हमें बेहतरीन एक्सपोजर दिया है, और हमें खुद को व्यक्त करने और अपने विचार रखने की अनुमति दी है। हम इस अवसर पर श्री राघव पोद्दार और उनकी संस्था को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने हमें यह मंच प्रदान किया जिसने हमें विविध विषयों पर अपने वक्तृत्व कौशल को सुधारने में मदद की है।



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