उदयुपर 25 अक्टूबर 2021। महाराणा प्रताप कृषि एवं
प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा
प्रत्यायन प्रदान करने हेतु सोमवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा
गठित पर्यवेक्षण दल (पीआरटी) द्वारा वर्चुअल मीटिंग एवं सभी संघठक
महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय अनुसंधान एवं प्रसार गतिविधियों का भी
वर्चुअल निरीक्षण किया गया।
मंगलवार को दल के सदस्य विश्वविद्यालय कुलपति,
अधिष्ठाता, निदेशक एवं फेकल्टी तथा शैक्षणतर कर्मचारियों से भी वार्ता
करेंगे। उल्लेखनीय है कि इस दल ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा
राष्ट्रीय कृषि शिक्षा एक्रेडिटेशन बोर्ड द्वारा मान्यता प्रदान करने हेतु
उच्च कोटि का निरीक्षण दल गठित किया गया है।
इसकी अध्यक्षता राजमाता
विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर के पूर्व कुलपति डॉ. ए.के.
सिंह कर रहे हैं तथा दल में शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय, जम्मू के
अनुसंधान निदेशक डॉ. जे.पी. शर्मा, राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि
विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर के अधिष्ठाता (कृषि संकाय) डॉ. अम्बरीश
कुमार, अंजोरा, दुर्ग स्थित दाऊ श्रीवासुदेव चंद्राकर कामधेनु
विश्वविद्यालय के डेयरी विज्ञान अधिष्ठाता डॉ. सुधीर उप्रित, पूर्व सहायक
महानिदेशक (मात्स्यकी) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद डॉ. के. के. वास एवं
कृषि शिक्षा विभाग भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के प्रधान
वैज्ञानिक डॉ. वनिता जैन सम्मिलित हैं।
सोमवार
को कुलपति सचिवालय में आयोजित वर्चुअल बैठक में एमपीयूएटी के माननीय
कुलपति डॉ. नरेन्द्र सिंह राठौड़ की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय अनुसंधान व
प्रसार निदेशालय एवं संघटक महाविद्यालयों द्वारा प्रस्तुत सेल्फ स्टडी
रिपोर्ट पर वर्चुअल प्रजेन्टेशन हुए। इस दौरान विश्वविद्यालय के माननीय
कुलपति ने स्वागत उद्बोधन दिया एवं सभी उपस्थित अधिकारियों का परिचय
करवाया।
विश्वविद्यालय के विशेषाधिकारी डॉ. वीरेन्द्र नेपालिया ने
विश्वविद्यालय की 2015 से 2020 की विभिन्नग तिविधियों जैसे छात्र कल्याण,
आधारभूत सुविधाओं एव ंप्रगति से पीआरटी दल कोअवगत करवाया।
डॉ. पी. के.
सिंह, अधिष्ठाता सीटीएई ने प्रौद्योगिकी एवं अभियान्त्रिकी महाविद्यालय,
अधिष्ठाता डॉ. दिलीप सिंह ने राजस्थान कृषि महाविद्यालय, अधिष्ठाता डॉ.
मीनू श्रीवास्तव ने सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय,
अधिष्ठाता डॉ. नवीन कुमार जैन ने डेयरी टैक्नोलॉजी महाविद्यालय,
अधिष्ठाता-डॉ. के. एल. जीनगर ने कृषि महाविद्यालय भीलवाड़ा, अधिष्ठाता-डॉ.
बी. के. शर्मा ने मात्स्यकी महाविद्यालय का, निदेशक अनुसंधान डॉ. एस. के.
शर्मा ने अनुसंधान गतिविधियों के बारे में एवं डॉ. आर. के. कौशिक ने प्रसार
निदेशालय एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से संचालित कृषि प्रसार
गतिविधियों के बारे में दल के सदस्यों को अवगत करवाते हुए अपनी पावरपॉइन्ट
प्रस्तुति दी।
मूल्यांकन
शिड्यूल के अनुसार अपरान्ह्न में पुनः निरीक्षण दल ने विश्वविद्यालय एवं
संघठक महाविद्यालयों, फार्म, छात्र कल्याण निदेशालय, प्रसार शिक्षा
निदेशालय, अनुसंधान परियोजनाओं व अनुसंधान फार्म इत्यादि एवं महाविद्यालय
स्थित विभिन्न आधारभूत सुविधाओं, कार्यालय, प्रयोगशालाओं, क्लास रूम
सुविधाओं, प्रायोगिक कार्य के उपकरणों, खेलकूद सुविधाओं, इन्डोर स्टेडियम व
खेल मैदान इत्यादि का वर्चुअल व सजीव निरीक्षण किया।
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