SHO लीलाराम के समर्थन में उतरा पूरा गांव


 

जैसलमेर - जोधपुर में हुए बदमाश लवली कंडारा एनकाउंटर मामले और फिर निलंबन से चर्चा में आए एसएचओ लीलाराम जैसलमेर के कपूरिया गांव के निवासी हैं। उनके समर्थन में पूरा गांव एक साथ उठ खड़ा हुआ है। सारे गांव वासी लीलाराम के साहस की तारीफ कर रहे हैं वहीं सरकार द्वारा उनके निलंबन को कायरता भरा कदम बता रहे हैं।

जैसलमेर से 75 किलोमीटर दूर स्थित कपूरिया गांव स्थित कपूरिया मठ की वजह से विख्यात है। इसी गांव में जुलाई 1981 को लीलाराम का जन्म हुआ। उसके पिता देराजराम बामनीया जलदाय विभाग के कर्मचारी हैं। लीलाराम के पिता देराज राम बताते हैं कि लीलाराम पढ़ाई में बहुत होशियार था। उसने 5 वीं तक कि पढ़ाई अपने गांव कपूरिया की स्कूल में ही पूरी की। उसके बाद अपनी पढ़ाई की वजह से उसका सलेक्शन जवाहर नवोदय विद्यालय मोहनगढ़ में हो गया। वहां से 12 वीं कक्षा पास करने के बाद लीलाराम आगे की पढ़ाई के लिए जोधपुर चले गए और वहां उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करके पुलिस की नौकरी जॉइन कर ली।

इनाम की जगह निलंबन से आहत
 
लीलाराम के पिता देराज राम का कहना है कि एक अपराधी का एनकाउंटर के बाद उसकी हौसला अफजाई की जगह उसको सरकार की तरफ से निलंबन का उपहार मिला है जिससे वो काफी आहत है। पूरा गांव इस घटना से आहत है और सब मिलकर सरकार के कदम की कड़ी आलोचना कर रहे हैं। सभी गांव वासियों का समर्थन लीलाराम के साथ है। कपूरिया मठ के मठाधीश वीरमपुरी जी सरकार के निर्णय से काफी नाराज़ हैं और कहते हैं कि सरकार से ईमानदारी के बदले ऐसे निर्णय कि अपेक्षा नहीं थी। सरकार को लीलाराम जैसे ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अफसर को वापस बहाल करके इनाम से नवाजना चाहिए।

जोधपुर रातानाडा थाना क्षेत्र में बुधवार को हुआ था एनकाउंटर
 
अधिकारी लीलाराम व बदमाशों के साथ हुई मुठभेड़ में बुधवार शाम को गोली लगने से मारे गए बदमाश लवली कंडारा प्रकरण में सबने मिलकर पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। लवली कंडारा एनकाउंटर मामले में वाल्मीकि समाज चार दिन से धरने पर था। सांसद तथा आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल भी जोधपुर पहुंचकर वाल्मीकि समाज के साथ खड़े हो गए थे। रविवार को पुलिस इंस्पेक्टर लीलाराम के सस्पेंशन, परिजनों को 25 लाख मुआवजा और मामले की सीबीआई जांच के आश्वासन पर धरना समाप्त किया गया था।

ट्विटर पर हैशटैग लीलाराम को बहाल करो ट्रेंड हो गया फिर लीलाराम के निलंबन से पूरे प्रदेश में हंगामा हो गया। सभी लोग यहां तक की जोधपुर पुलिस भी लीलाराम के समर्थन में ट्वीट करते नज़र आई। ट्विटर पर लीलाराम को बहाल करो टॉप में ट्रेंड करने लगा। पूरे प्रदेश में लोग लीलाराम की बहदुरी की तारीफ कर रहे हैं और सरकार के लीलाराम को निलबित करने के फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
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