अपने जीवन में माता पिता का सुख (parent's happiness)
प्राप्त करने पर एक अलग ही तरह के सुख की अनुभूती होती है। इस सुख को
प्रत्येक दंपति पाना चाहता है। परंतु के समय में बहुत सारी स्वास्थ्य
परेशानियों के चलते कुछ लोग इस सुख से दूर रह जाते है।
अपनी इस परेशानी को
समाज के सामने रखने से भी हिचकिचाते है, क्योंकि अधिकांश लोग अभी भी
इनफर्टिलिटी को एक बीमारी न मानकर अभिश्राप मानते है। समाज के ताने भी
सुनने पड़ते है। इनफर्टिलिटी
के कारण आज बहुत सारे कपल्स ऐसे है।
जो इस समस्या का सामना कर रहे है।
संतान सुख से वचित होना सबसे बड़ी समस्याओं में से एक समस्या है। हर परिवार
की यही चाहत होती है कि उनका वंश आगे बढ़़े और उनके भी आंगन में बच्चों कि
किलकारियां गूंजे। परंतु इनफर्टिलिटी कारणों से यह सब कुछ संभव नही हो
पाता है।
भारत में,
बांझपन लगभग 10 प्रतिशत से 15 प्रतिशत विवाहित जोड़ों को प्रभावित करता है।
भारत में 30 मिलियन बांझ जोड़ों में से लगभग 30 लाख सक्रिय रूप से इलाज की
खोज में है। । शहरी आबादी में यह दर और भी अधिक है जहां 6 जोड़ों में से
एक बांझपन से पीड़ित है और समाधान की तलाश में है।
निःसंतानता
(बांझपन) हमारे देश में तेजी के साथ बढ़ रहा है। आज से कुछ वर्षों पूर्व
इनफर्टिलिटी की समस्या ज्यादातर महिलाओं में देखी जाती थी । परंतु अब तो यह
हाल है कि महिलाओं के बराबर पुरुष बांझपन के मामले सामने आने लगे है।
महिलाओं की तरह ही 40 प्रतिशत इनफर्टिलिटी की समस्या पुरुषों में देखने को
मिल रही है। पुरुषो में कम शुक्राणु, निल शुक्राणु, शुक्राणु आकार ,
शुक्राणु की गति , शुक्राणु की गुणवत्ता में कमी (Low Sperm, Nil Sperm,
Sperm Size, Sperm Mobility, Decreased Sperm Quality) इत्यादि के कारण
इनफर्टिलिटी की दर बढ़ती ही जा रही है। यह एक चिंता का विषय विषय बन गया
है।
आइवीएफ फेल होने के कारण -
आइवीएफ
(इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) संतान प्राप्त करने की एक ऐसी कृतिम प्रक्रिया
(artificial process) है। जिसमें महिला के अंडे और पुरुष के शुक्राणु
(Female's egg and man's sperm ) को एक कृतिम गर्भाशय (artificial uterus)
में भ्रूण (embryo) बनने तक रखा जाता है। इसके बाद इस भ्रूण को महिला के
गर्भाशय में स्थापित कर दिया जाता है।
आइवीएफ फेल होने के घटक बहुत सारे है क्योंकि इसकी सफलता दर 10-20 प्रतिशत ही है?
आइवीएफ की प्रक्रिया में अगर अंडे और शुक्राणु हेल्दी नही है, तो फेल होने की पूरी संभावना होती है।
यदि आइवीएफ की प्रक्रिया में अगर थोड़ी से लापरवाही हुई तो भी आइवीएफ फेल हो जाता है।
आइवीएएफ फेल होने में उम्र भी एक महत्वपूर्ण घटक है।
प्रजनन अंगों की सक्रियता का सही न होना।
वजन और मोटापा भी आइवीएफ फेल होने के पीछे मुख्य फैक्टर माना जाता है।
आइवीएफ फैलियर कैसे आयुर्वेदिक इलाज से माँ बनती है -
आइवीएफ
(IVF) एक ऐसा प्रसेस (process) है। जिसमें महिला के शरीर को बहुत सारी
मेडिसिन और टेस्ट (Medicines and Tests) से गुजरना पड़ता है। यह जरुरी नही
है कि हर महिला का शरीर इसके लिए तैयार हो, परंतु आज के समय में डॉक्टर उन
सभी इंजेक्शन और दवाओं (injections and drugs) को महिलाओं को खाने के लिए
देते है। जिससे बहुत सारे साइड इफैक्ट (side effect) देखने को मिलते है और
अगर माँ बन गई तो यह दुष्प्रभाव महिला के बच्चे के स्वास्थ्य (baby's
health) को भी प्रभावित कर सकते है।
आयुर्वेदिक
इलाज एक प्राकृतिक उपचार है, जिसमें आप नेचुरल कंसीव (Natural Conceive)
करके माँ बनने का सुख प्राप्त करती है । आयुर्वेदिक इलाज में माँ और शिशु
(mother and baby) दोनों को किसी भी प्रकार का साइड इफैक्ट नही होता है।
यदि आप माँ बनने का सोच रही है और आपका आइवीएफ फेल (ivf fail) हो चुका है ।
तो आयुर्वेदिक चिकित्सा (ayurvedic medicine) से आप माँ बन सकती है।
आयुर्वेदिक चिकित्सा से माँ बनने की है आपार संभावनाएं -
आयुर्वेद
जीवनशैली, खानपान (lifestyle, food) में सुधार करके सबसे पहले तो शरीर के
दोषों को नियंत्रित करता है। जिससे महिला और पुरुष शरीर के हार्मोन संतुलित
हो जाते है। संतान प्राप्ति के लिए मेल एवं फिमेल बॉडी का तैयार होना बहुत
जरुरी होता है। ऐसे में आयुर्वेदिक औषधियों (ayurvedic medicines), काढ़ा
और पंचकर्म चिकित्सा की मदद ली जाती है। जो महिला एवं पुरुष शरीर को इस
काबिल बनाती है।
आयुर्वेदिक
औषधियों के सेवन से महिला के अंडे हेल्दी ( healthy eggs) तैयार होने लगते
है और पुरुष के शुक्राणु भी गुणवत्ता (sperm quality) में बेहतर हो जाते
है । जिससे फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया (Fertilization process) अच्छे से
पूर्ण होते है और आसानी से हेल्दी भ्रूण का निर्माण होता है।
यह
खास जानकारी आशा आयुर्वेदा की Infertility expert Dr. Chanchal Sharma से
बातचीत के दौरान प्राप्त हुई है। यदि आप भी माँ बनने से वंचित रह गई तो
बिना देर किए नेचुरल तरीके से माँ बन सकती है।
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Health