जालोर। जिले में कॉपरेटिव बैंक की बीसी बंद करने को लेकर आज ई मित्र संचालकों ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन व बताया कि कॉपरेटिव बैंक के व्यवस्थापको के कहने पर पूरे जालौर जिले की बैंक बीसी बंद की। ई मित्र वाले बैंक की छवि धूमिल कर रहे हैं, लेकिन कई सालों से ई मित्र वाले राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक, स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक व बैंक ऑफ बड़ौदा और कई बैंकों के बीसी है। लेकिन किसी भी बैंक ने नहीं कहा कि बीसी वाले हमारी छवि खराब कर रहे हैं। सिर्फ अपने व्यवस्थापको के कहने पर इतना बड़ा फैसला लिया। आपने यह नहीं सोचा कि कुछ ही महीने पहले बीसी ली, तब लैपटॉप मोरपो इनका और करंट अकाउंट बीसी कोड जनरेट करवाने के चक्कर ई मित्र वालों ने खाए और अपनी जमा पूंजी खर्च कर दी। अब उनका क्या होगा लेकिन फिर भी हम मानते की आपकी बैंक साख खराब हो रही है तो कोई बात नहीं लेकिन अपने व्यवस्थापको के खिलाफ भी जांच करें और ई-मित्र वालों के खिलाफ भी कि पिछले 5 साल पहले व्यवस्थापक के कितनी प्रॉपर्टी थी, और अभी कितनी जो व्यवस्थापक एक छोटे से मामूली घर में रह रहा था। उसके बिल्डिंग बन गई कई जगह प्लॉट जमीन लाखों की नकदी वो कहां से आई। हमारी और इनकी यह जांच जरूर करें। वरना हमारे ऊपर इन लोगों ने जो धब्बा लगाया है वो लेकर चुपचाप सहन नहीं करेंगे। और धरना प्रदर्शन होगा और हम किसानों को प्रूफ के साथ लाएंगे। इन लोगों का काला चिट्ठा खोलने के लिए आपसे पुनः निवेदन रहेगा कि आप हर सोसाइटी की जांच करवाएं और हमने जो बैंक बीसी के लिए सामान खरीदा उसके सही कीमत पर आप ख़रीदे और हमारे जो करंट अकाउंट में जमा पेमेंट है वो हमे दिलवाये। ओर हमारे ऊपर लगे धब्बे को हटाने के लिए उच्च स्तरीय जांच करवाकर हमें ऑपरेटिव बैंक बीसी से आजाद करें।
जालोर। जिले में कॉपरेटिव बैंक की बीसी बंद करने को लेकर आज ई मित्र संचालकों ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन व बताया कि कॉपरेटिव बैंक के व्यवस्थापको के कहने पर पूरे जालौर जिले की बैंक बीसी बंद की। ई मित्र वाले बैंक की छवि धूमिल कर रहे हैं, लेकिन कई सालों से ई मित्र वाले राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक, स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक व बैंक ऑफ बड़ौदा और कई बैंकों के बीसी है। लेकिन किसी भी बैंक ने नहीं कहा कि बीसी वाले हमारी छवि खराब कर रहे हैं। सिर्फ अपने व्यवस्थापको के कहने पर इतना बड़ा फैसला लिया। आपने यह नहीं सोचा कि कुछ ही महीने पहले बीसी ली, तब लैपटॉप मोरपो इनका और करंट अकाउंट बीसी कोड जनरेट करवाने के चक्कर ई मित्र वालों ने खाए और अपनी जमा पूंजी खर्च कर दी। अब उनका क्या होगा लेकिन फिर भी हम मानते की आपकी बैंक साख खराब हो रही है तो कोई बात नहीं लेकिन अपने व्यवस्थापको के खिलाफ भी जांच करें और ई-मित्र वालों के खिलाफ भी कि पिछले 5 साल पहले व्यवस्थापक के कितनी प्रॉपर्टी थी, और अभी कितनी जो व्यवस्थापक एक छोटे से मामूली घर में रह रहा था। उसके बिल्डिंग बन गई कई जगह प्लॉट जमीन लाखों की नकदी वो कहां से आई। हमारी और इनकी यह जांच जरूर करें। वरना हमारे ऊपर इन लोगों ने जो धब्बा लगाया है वो लेकर चुपचाप सहन नहीं करेंगे। और धरना प्रदर्शन होगा और हम किसानों को प्रूफ के साथ लाएंगे। इन लोगों का काला चिट्ठा खोलने के लिए आपसे पुनः निवेदन रहेगा कि आप हर सोसाइटी की जांच करवाएं और हमने जो बैंक बीसी के लिए सामान खरीदा उसके सही कीमत पर आप ख़रीदे और हमारे जो करंट अकाउंट में जमा पेमेंट है वो हमे दिलवाये। ओर हमारे ऊपर लगे धब्बे को हटाने के लिए उच्च स्तरीय जांच करवाकर हमें ऑपरेटिव बैंक बीसी से आजाद करें।